चाँद सोता है !
सितारों से सजी चादर बिछाये चाँद सोता है !
.
बड़ा निश्चिन्त है तन से
बड़ा निश्चिन्त है मन से
बड़ा निश्चिन्त जीवन से
किसी के प्यार का आँचल दबाये चाँद सोता है !
.
नयी सब भावनाएँ हैं
नयी सब कल्पनाएँ हैं
नयी सब वासनाएँ हैं
हृदय में स्वप्न की दुनिया बसाये चाँद सोता है !
.
सुखद हर साँस है जिसकी
मधुर हर आस है जिसकी
सनातन प्यास है जिसकी
विभा को वक्ष पर अपने लिटाये चाँद सोता है !
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सितारों से सजी चादर बिछाये चाँद सोता है !
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बड़ा निश्चिन्त है तन से
बड़ा निश्चिन्त है मन से
बड़ा निश्चिन्त जीवन से
किसी के प्यार का आँचल दबाये चाँद सोता है !
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नयी सब भावनाएँ हैं
नयी सब कल्पनाएँ हैं
नयी सब वासनाएँ हैं
हृदय में स्वप्न की दुनिया बसाये चाँद सोता है !
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सुखद हर साँस है जिसकी
मधुर हर आस है जिसकी
सनातन प्यास है जिसकी
विभा को वक्ष पर अपने लिटाये चाँद सोता है !
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